लॉक डाउन व्यंजन दोहे [ भाग-2 ]



 कोरोना के खतरे को कैसे मै टालूँ,
   आज कल खूब दबा के खा रहा हूँ आलू ।
  
 अब तेरा क्या होगा रे कालिया,
   सरदार ! सुबह शाम खा रहा हूँ दलिया ।
  
 लॉक डाउन मे है फास्ट फूड का टोटा,
   इसलिए घर मे ही खाता हूँ बनाके पराँठा ।
  
 क्या बैठे बैठे हो गए हो कब्जी,
   तो सुबह शाम खाओ दबा के सब्जी ।
  
 लॉक डाउन मे मिल नहीं रहा व्हिस्की और रम,
   बस घर बैठे खाते रहो टेस्टी आलू दम ।

 बाहर से आने पर हमेशा लिया करो शावर,
   और हमेशा सुबह मे खाया करो चावल ।

 चला गया छोड़ कर बजाने वाला डफली,
   नॉन वेज मे हमेशा खाया करो मछली ।

 बैठे बैठे कहते है हर घर की जीजा,
   अब कभी न मँगवाना बाहर से पिज्जा ।
  
 अगर खराब हो गया हो बैठे बैठे हाजमा,
   तो रोज बना के खाओ गरमा गरम राजमा ।
  
 आतंकवाद प्रभावित क्षेत्र है जम्मू का रजौरी,
    नाश्ते मे हमेशा खाओ खस्ता कचौरी ।

 आँधी तूफान मे तिनके की तरह उड़ गए गाछ,
    रहो हमेशा चुस्त तंदुरुस्त पी के छाछ ।

 क्या आपका दिमाग नहीं रहता है सही,
    तो रोज भोजन मे खाया करो छाली वाला दही ।

 कड़वे शब्द दे जाते है बड़ा घाव,
    इसलिए मीठा बोलो खाके बड़ा पाव ।

 लॉक डाउन मे कभी बचे हो पुलिस की लाठी से,
    मेहमानों का स्वागत करो हमेशा दाल बाटी से ।

 अगर आवारागर्दी की भूत है तुम पर चढ़ी,
    तो घर मे रहो और खाओ चावल कढ़ी ।

 लॉक डाउन मे आवारा लौंडे नाच रहे बन के घिरनी,
    क्या कभी खाया है बना के स्वादिष्ट फिरनी ।

 खाके मालपूआ रोज करो भगवान की पूजा,
    जो निकले बाहर तो मार डंडा पिछवाड़ा देंगे सूजा ।

 अभी बाकी है करनी गेंहू की कटनी,
    तुम समोसे के साथ खाओ हरी चटनी ।

 गोवा मे एक नदी है, नाम है जिसका मांडवी,
    क्या कभी खाये हो तुम लजीज खांडवी ।
  
 साँप का जानी दुश्मन होता है नेवला,
    खा के तो देखो कभी लाजवाब थेपला । 

 धीरे धीरे लॉक डाउन हो रहा चुस्त दुरुस्त,
    इसलिए रहो घर मे और खाओ दम पुख्त ।

 लॉक डाउन मे परास्त हो गए बड़े बड़े सूरमा,
    क्या कभी खाया है भोजपुर का प्रसिध्द ख़ुरमा ।

 बाहर निकल क्यों दिखा रहे पुलिस को ठेंगा,
    बहुत ही मुश्किल है बनाना फिश टेंगा ।
  
 अनारकाली के प्रेमी का नाम था सलीम,
    अमां मियाँ ! कभी खा के तो देखो हलीम ।

 अगर हो बाहर मे पुलिस की लाठी चखनी,
    तो खा के घर से निकलो दाल मखनी ।
  
 पुलिस अच्छे अच्छे को बना देती है तोतला,
    बचना हो तो हमेशा खाया करो ढोकला ।
  
 मेरे पास आओ ! तुम्हें कुछ है दिखाना,
    दाल के तड़के मे डाला करो हमेशा मखाना ।

 क्यों हमेशा बने रहते हो लकीर के फकीर,
    घर मे ही रहो, बना के खाओ शाही पनीर ।
  
 क्या कभी ठहरे हो ले कर होटल मे रूम,
    तब तो तुमने जरूर खाया होगा मशरूम ।

 द अफ्रीका के क्रिकेट मैदान का नाम है सेंचुरियन,
    इसलिए खेलो क्रिकेट हमेशा खाके मंचुरियन  

© तरुण आनंद

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