अनमोल रिश्ता
जिस दिन का बेसब्री से रहता हर प्यारी बहना को इंतजार , उस दिन को हम कहते है रक्षा बंधन का त्योहार । कभी लड़ाई तो कभी मनुहार भाई बहन का ऐसा ही प्यार, इस रिश्ते का ना कोई मोल ऐसा ही है राखी का त्योहार । माँ बनाती पुए पकवान भाई आज बना शैतान, बहना राखी बांधने को है सुबह से ही परेशान । रेशम के इस धागे मे बसा है प्यारी बहना का दुलार, ये पवित्र रिश्ता है ऐसा मिट जाए लम्हो का एहसास । जिसकी नहीं है कोई बहना सारा जीवन है उसे दुख सहना, कमी ऐसी खलती है उसे की जैसे कम हो अपना एक गहना ।